
हरियाणा में पंचायती चुनाव का परचम जोरों शोरों से बज चुका हैं राज्य चुनाव आयोग ने पंचायती चुनाव के संबंधित विभागों को अलर्ट सूचना जारी कर दी गई ,लगभग हरियाणा पंचायती चुनाव जनवरी में माना जा रहा हैं , पंचायती राज विभाग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता को अच्छी नागरिक सुविधा प्रदान करता हैं , जिसकी सभी जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग ने मतदाता सूची व चुनाव की तैयारी सभी उच्च अधिकारी जैसे – sdm,तहसीलदार ,नायाब तहशील दार आदि को जिम्मेदारी देकर अलर्ट कर दिया गया हैं
हरियाणा के वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता Advocate Rajat Kalsan हरियाणा पंचायत चुनाव पर अपने संवेधानिक विचार कुछ इस रखते हें ,

ग्राम पंचायत चुनावो में सामान्य सीटों पर भी अनुसूचित जाति समाज अपने उम्मीदवार खड़ा करे : रजत कलसन
30 जून/हांसी
हरियाणा सरकार ने ग्राम पंचायत चुनावों का ऐलान कर दिया है जिससे ग्राम स्तर की राजनीति में हलचल मच गई है इस बार अनुसूचित जाति समाज के लोग ग्राम पंचायत की राजनीति को प्रभावित करने वाला एक फैसला ले सकते हैं ।
इस बारे में बात करते हुए नेशनल एलाइंस फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने एक बयान में कहा कि इस बार ग्राम पंचायत चुनावों में दलित उम्मीदवार रिजर्व सीटों के साथ-साथ सामान्य सीटों पर भी सरपंच पद की ताल ठोकेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान में दिए गए अधिकारों की अलख अब गांव-गांव तक पहुंचने लगी है तथा दलित समाज का युवा अब संविधान में प्रदत्त अपने अधिकारों को जानने लगा है। जिसके चलते हर गांव में दलित सामाजिक कार्यकर्ता व दलित नेताओं का उदय हो रहा है जो सक्रिय राजनीति में आने के लिए तैयार हैं।
अधिवक्ता रजत कलसन ने कहा कि सामान्य सीटों पर भी अनुसूचित जाति समाज का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है लेकिन उसे खुद के अनुसूचित जाति का होने के चलते कोई सरकारी बेनिफिट नहीं मिलेगा उस उम्मीदवार को चुनाव खुद के सामान्य होने की कैपेसिटी में लड़ना पड़ेगा । अधिवक्ता रजत कलसन ने कहा कि जिस तरह दलित समाज ग्राम पंचायतों की सामान्य सीटों पर स्वर्ण समुदाय के लोगों के ऊपर विश्वास करता आया है अब स्वर्ण समुदाय या सामान्य समुदाय के लोगों की जिम्मेदारी है कि वह भी सामान्य सीटों पर दलित समुदाय के उम्मीदवारों पर विश्वास जताएं तथा उसे गांव का सरपंच बनाएं ।
अधिवक्ता रजत कलसन ने दलित समुदाय के लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि दलित समाज भी ग्राम पंचायत चुनावों में एकता का प्रदर्शन करें तथा सामान्य सीटों में अपना उम्मीदवार खड़ा करें तथा पूरा दलित समाज ए-बी जैसे मुद्दों को भुलाकर सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार खड़ा करें तथा सामान्य समुदाय के उम्मीदवार को टक्कर दे तथा दूसरे समुदाय के लोगों का भी विश्वास जीतकर सरपंची के पदों पर कब्जा जमाए । उन्होंने कहा कि इससे बाबा साहब द्वारा संविधान में प्रदत्त सामाजिक न्याय का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी तरह की कोई कानूनी अड़चन नहीं है। अधिवक्ता कलसन ने कहा कि अब समय आ गया है कि दलित समुदाय हर सीट पर अपना दावा मजबूत करें उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत ही नहीं नगर परिषद, नगर निगम, विधानसभा ,लोकसभा चुनावों में भी दलित समाज के युवाओं को सामान्य सीटों पर ताल ठोकनी चाहिए
वकील व सामाजिक मानवाधिकार कार्यकर्ता-Ad रजत कलसन, 9896303010