
मैं जमीं पे हूं बिना पंख तुम क्या गिराओगे मुझे
मैं हंसने का हुनर रखती हूं क्या रुलाओगे मुझे।
मुझे परखने की कोशिश में आंधियां हार चुकी हैं
मैं आतिश हूं आधियों तुम क्या बुझाओगे मुझे
गरूर होता तो मिटा सकते थे तुम मुझे स्लेट से
मैं इश्क हूं तुम नफरतो तुम क्या मिटाओगे मुझे
मैंनै हार जीत से तौबा कर रखी है जाने कबसे
मैं तुमसे मुखातिब नहीं तुम क्या हराओगे मुझे
जिंदगी के सबक कडे तुम क्या सिखाओगे मुझे।
Shelly Kiran
